न शास्त्रीय टप्पा.. न बेमतलब का गोल-गप्पा.. थोड़ी सामाजिक बयार.. थोड़ी संगीत की बहार.. आईये दोस्तो, है रंगमंच तैयार..
Thursday, April 10, 2008
पहचान कौन ? ? ? ?
आज सुबह सुबह मेरे मित्र विपिन ने क्वेस्ट वर्ड का लिंक भेजा, वहाँ मुझे ये जानमारू तस्वीर हासिल हुई है,तो इस तस्वीर के लिये क्वेस्ट वर्ड का मैं, हौले हौले, लाहे लाहे शुक्रिया अदा करता हूँ...उस फोटोग्राफ़र का भी शुक्रिया जिसने ये फोटो खीचते हुए खींची है। फ़ोटो देखकर एक गाना याद आ रहा है
चेहरा क्या देखते हो दिल में उतर कर देखो ना !! कहिये कैसा रहा?
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11 comments:
जबरदस्त। कोई रिवाज इंसान की स्वतंत्र हैसियत को कैसे मिटा सकता है, इसका नमूना। तस्वीर ही अपने आप में बहुत कुछ कह जाती है।
" और मैं तुझे देखते हुए देखूँ"
गजब!
बढ़िया !
neelima.sukhija क्या खूबसूरत चेहरे ढूंढ कर लाएं हैं आप वाह
क्या मारक चित्र ढूंढा है विमल जी !
गजब है।
jabardast pic laye hain aap to!aisee tasveeren hum yahan aksar dekhte hain--NEWSPAPERS main---
ID card par to photo par chipki laga deteee hain----PAHCHAN KAUN??????
विमल भाई ...इसे यूँ भी कह सकते हैं ..चेहरा क्या देखते हो...दिल में उतर कर देखो न !
विमल भाई आपका ईमेल आई-डी नहीं मेरे पास.एक नमस्ते ईमेल sanjaypatel1961@gmail.com पर दे दीजियेगा.दिन सुदिन हो आपका.
कमाल की तस्वीर है :)
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