tag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post1223111336802423822..comments2023-10-29T13:05:28.570+05:30Comments on ठुमरी: मेरा मन भी गरियाने को कर रहा है....पर गरियाउँ किसे ?VIMAL VERMAhttp://www.blogger.com/profile/13683741615028253101noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-11526654347750998392008-06-05T06:51:00.000+05:302008-06-05T06:51:00.000+05:30विमलजी आपका ब्लॉग अच्छा लगता है हर्षद जान्गला एत्ल...विमलजी <BR/>आपका ब्लॉग अच्छा लगता है <BR/>हर्षद जान्गला <BR/>एत्लानता युएसेHarshad Janglahttps://www.blogger.com/profile/00844983134116438245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-89991834374594279232008-05-29T20:25:00.000+05:302008-05-29T20:25:00.000+05:30राशिद भाई के स्वर वैभव के क्या कहने विमल भाई ! भार...राशिद भाई के स्वर वैभव के क्या कहने विमल भाई ! भारतीय उप-महाद्वीप में उनकी बलन का दूसरा कारीगर हाल-फ़िलहाल नज़र नहीं आता. क्या सुर की फ़ैंक है और क्या बेहतरीन बहलावा है बंदिश के साथ.जी चाहता है किसी दिन हम सारे राशिद-मुरीद कहीं एकत्र होकर सुबह से शाम ढलने तक इस बेजोड़ फ़नकार के सारे एलबम्स बाक़ायदा समय क्रम में सुनें....हाय अल्ला ! क्या कभी ऐसा हो सकेगा.sanjay patelhttps://www.blogger.com/profile/08020352083312851052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-9941198400789415912008-05-24T22:21:00.000+05:302008-05-24T22:21:00.000+05:30अछ्छा है....अछ्छा है....बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/09557000418276190534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-1866306617845437732008-05-24T19:59:00.000+05:302008-05-24T19:59:00.000+05:30भाई मैं तो इसलिए आया कि आप जरूर इससे कोई इतर बात ह...भाई मैं तो इसलिए आया कि आप जरूर इससे कोई इतर बात ही कर रहें होंगे। :)भई हमने तो हिंदी ब्लॉग जगत में यही सीखा है कि बड़े लोगन की बड़ी बातो में ज्यादा माथा पच्ची करने की जरूरत नहीं। ये सब तो चलता ही रहेगा।<BR/><BR/>बहरहाल बड़ी पसंदीदा बंदिश सुनवाई आपने। शुक्रिया...Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-66466197713056975692008-05-24T18:29:00.000+05:302008-05-24T18:29:00.000+05:30आज के दिन बहुत सारी पोस्ट ऐसी हैं कि मन दुखी हो गय...आज के दिन बहुत सारी पोस्ट ऐसी हैं कि मन दुखी हो गया। आपने क्या बढ़िया बदलाव किया है इस माहौल में ! बहुत बहुत धन्यवाद।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-82012541978372528182008-05-24T18:21:00.000+05:302008-05-24T18:21:00.000+05:30विमल जीबहुत ही सुन्दर गीत सुनवाया है। गीत सुनकर एक...विमल जी<BR/>बहुत ही सुन्दर गीत सुनवाया है। गीत सुनकर एक अलौकिक आनन्द की प्राप्ति हुई है। ऐसा ही संगीत सुनवाते रहें। सस्नहेशोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-73345568061449187712008-05-24T17:11:00.000+05:302008-05-24T17:11:00.000+05:30अरुण भाई से सहमत हूँ.पर आपने तो मस्त कर दिया.अरुण भाई से सहमत हूँ.<BR/>पर आपने तो मस्त कर दिया.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-51913384066555002722008-05-24T16:10:00.000+05:302008-05-24T16:10:00.000+05:30bahut badhiya..bahut badhiya..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-81955964854489305662008-05-24T10:13:00.000+05:302008-05-24T10:13:00.000+05:30विमल भाई, गरियाना तो मैं भी बहुत सारों (स्पैलिंग म...विमल भाई, गरियाना तो मैं भी बहुत सारों (स्पैलिंग मिस्टेक तो नहीं हो गई मुझसे?) को चाह रहा हूं पिछले कुछ दिनों से लेकिन ... सेम प्रॉब्लम. <BR/><BR/>इधर आप कुछ अनियमित होते जा रहे हैं अपनी पोस्ट्स के साथ. जल्दी-जल्दी कुछ न कुछ सुनाते रहें तो ऊपर के पैराग्राफ़ में ज़िक्र किये गये वांछित काम के बारे में सोचने का मौका ही नहीं मिलेगा. राशिद ख़ान को सुनवाने का शुक्रिया. उम्दा रचना, बहुत परिपक्व आवाज़.Ashok Pandehttps://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-60499018707284052132008-05-24T10:10:00.000+05:302008-05-24T10:10:00.000+05:30अच्छी बंदिश है जी, दोनो पहलवानो को पकड कर कुछ बर्...अच्छी बंदिश है जी, दोनो पहलवानो को पकड कर कुछ बर्बाद से गीत/ गजल जबरदस्ती सुनवाईये, शायद बात बन जाये :)Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-38834650260044210512008-05-24T07:10:00.000+05:302008-05-24T07:10:00.000+05:30वाह वाह ! क्या बात है. एकदम मस्त कर दिया है. सुब...वाह वाह ! क्या बात है. एकदम मस्त कर दिया है. सुबह सुबह इस से अच्छा क्या हो सकता है. आप गरियाते रहें जिसे चाहें, हम तो फ़िट हो गया हूँ.अमिताभ मीतhttps://www.blogger.com/profile/06968972033134794094noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-47316928042276402652008-05-24T03:20:00.000+05:302008-05-24T03:20:00.000+05:30तपती धरती पर बारिश की शीतल फुहार और मिट्टी की उठती...तपती धरती पर बारिश की शीतल फुहार और मिट्टी की उठती सौंधी महक. वाह! मन को सुकून पहूँचा.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com