tag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post4801410901035223572..comments2023-10-29T13:05:28.570+05:30Comments on ठुमरी: उस्ताद मेहदी हसन साहब को सुनते हुए!!!!VIMAL VERMAhttp://www.blogger.com/profile/13683741615028253101noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-33976310140507088752012-04-26T23:05:17.490+05:302012-04-26T23:05:17.490+05:30जिंदगी में कभी कभी ऐसा ऐसा मुकाम आता है की शब्दों ...जिंदगी में कभी कभी ऐसा ऐसा मुकाम आता है की शब्दों की कमी पड़ने लगती है, हसन साहब के बारे में जब भी कुछ लिखना चाहता हूँ मेरे साथ ऐसा होता है, <br /><br />तू फरिस्ता है, तू ही हूर है ना,<br />तुझको देखा, खुदा को देख लिया,<br />तुझमे ऐसा नूर है ना.....Rajesh Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/00352053953880276235noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-87788992073513126952007-09-12T19:20:00.000+05:302007-09-12T19:20:00.000+05:30विमलभाई, मेंहदी साहब के तो हम भी दीवाने है. उनकी ग...विमलभाई, <BR/>मेंहदी साहब के तो हम भी दीवाने है. उनकी गायी हुवी गजलों और गीतोका बहुत बडा कलेक्शन जमाया है और अब तो नेटपरसे भी बहुत सारी गजले और गीत डाउनलोड कर रहे है. खुदा उन्हे लंबी उम्र दे.Voice Artist Vikas Shukla विकासवाणी यूट्यूब चॅनल https://www.blogger.com/profile/15145960154504480814noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-17406114411327329312007-09-09T14:10:00.000+05:302007-09-09T14:10:00.000+05:30इसमें कोई संदेह नहीं कि उम्दा हैं उस्ताद मेहदी हसन...इसमें कोई संदेह नहीं कि उम्दा हैं उस्ताद मेहदी हसन साहब की गजलें.क्या बात है.. <BR/>उपरवाला ऐसी प्रतिभा विरले को ही देता है. आपकी प्रस्तुति प्रशंसनिए है. बधाईयाँ ....../रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-19472371459833399692007-09-07T21:09:00.000+05:302007-09-07T21:09:00.000+05:30विमल भाई क्यों दिल के ज़ख़्मों को कुरेदते हैं आप.उस्...विमल भाई क्यों दिल के ज़ख़्मों को कुरेदते हैं आप.उस्ताद मेहदी हसन साहब तो ग़ज़ल का मंगलाचरण हैं.तीर्थ हैं....क़ाबा-काशी हैं.वे सामने हों या न हों उनकी आवाज़ कुदरत की सदा बन कर हमे पाक़ साफ़ कर देती है. बताती है क्या होती है मौसीक़ी...और जगाती है ये अहसास कि इस दुनिया के इंसानों इसे कहते हैं सुर...और कविता.सच कहूँ ...जैसे आजकल एक्सचेंज स्कीम चलती है इलेक्ट्रानिक अपलांसेस की दुकानों में...पुरानी वाँशिंग मशीन ले लो और नयी ले जाओ...दिल कहता है अल्लाताला से कहूँ मेरा ये शरीर ले ले...और इसके बदले मेहदी हसन साहब को तरोताज़ा कर दे...काश ऐसा हो सकता...sanjay patelhttps://www.blogger.com/profile/08020352083312851052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-87036550290408854512007-09-07T20:37:00.000+05:302007-09-07T20:37:00.000+05:30क्या बात है..क्या बात है..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-13709866722386875232007-09-07T19:34:00.000+05:302007-09-07T19:34:00.000+05:30शुक्रिया मेरी एक शाम यादगार बानाने के लिए ! मेहंद...शुक्रिया मेरी एक शाम यादगार बानाने के लिए ! मेहंदी हसन साहब चिरंजीवी हों.Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-28152422132237569162007-09-07T18:01:00.000+05:302007-09-07T18:01:00.000+05:30जिन्दगी में तो सभी प्यार किया करते हैंमैं तो मर कर...जिन्दगी में तो सभी प्यार किया करते हैं<BR/>मैं तो मर कर भी मेरी जान तुझे चाहूँगा---<BR/><BR/><BR/>कितनी सच बात है इस जादुगर के लिये यह!!!<BR/><BR/>आवाज की कशिश-विचार मात्र से पूरी गजल गुँजने लगती है कान में.<BR/><BR/>आभार आपका इस प्रस्तुति के लिये.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2382589589569560500.post-10328867059181292792007-09-07T17:31:00.000+05:302007-09-07T17:31:00.000+05:30कितना अच्छा संयोग है । मैंने इसी हफ्ते मेहदी हसन ...कितना अच्छा संयोग है । <BR/>मैंने इसी हफ्ते मेहदी हसन की एक सीडी खरीदी है । <BR/>जिसमें उनके गीत और गजलें हैं । पुरानी यादें ताज़ा हो गयीं इसे सुनकर । <BR/>तेरी आंखों को जब देखा, कंवल कहने को जी चाहा, <BR/>अच्छी बात करो,<BR/>भीगी हुई आंखों का काजल<BR/>मुहब्बत करने वाले कम ना होंगे<BR/><BR/>लंबी फेहरिस्त है । क्या क्या बताएं । हम तो सुन के निहाल हुए जा रहे हैं ।<BR/><BR/>उस पर आपने ये गजल सुनवा दी । तो समझिये सोने पर सुहागा हो गया ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.com