Saturday, February 7, 2009

हमरी अटरिया पे आजा रे संवरिया देखा देखी तनिक होई जाय......

भाई हमें तो शुजात हुसैन खां साहब का ये अंदाज़ बहुत पसन्द है, सितार पर जिस अंदाज़ से उनकी उंगलियाँ चलती है उससे अलग उनकी डूबी हुई आवाज़ भी कम नहीं है।आज आप सुनिये पर पता नहीं क्यौ एक बात जो दिल में है आज कह लेना चाहता हूँ, इतना नाम पं जसराज और पं भीमसेन जोशी जी का लिया जाता है पर पता नहीं क्यौं उन्हें मैं ठुमरी पर चढ़ा क्यौं नही पाया ......एक बात ज़रूर है कि शायद गायन में बहुत ज़्यादा शास्त्रीयता मुझे रास नहीं आती| .मुझे पं जसराज जी और पं भीम सेन जोशी जी की आवाज़ पसन्द भी है पर आज तक एक पूरी रचना कभी मुझे भाई नहीं.....पं भीमसेन जी की आवाज़ जब से सुनी है तभी से उस आवाज़ के हम कायल हैं पं जसराज जी और पं भीमसेन जोशी दोनों को मैने सामने से कई बार सुना है, सुनने के बाद भी यही लगता है इनको लाईव सुनना ही सुखद है .....इन्हें सामने से सुनिये तो आप ये ज़रूर महसूस करेंगे कि न जाने कहां कहां से इनके स्वर निकलते हैं जो आम गायक के बस की बात भी नहीं है इन सब के बावजूद ऐसी कोई पूरी रचना जिसे मैं सुनने के लिये यहां वहा भटकूं बेकरार रहूँ ऐसा इनको लेकर कभी नहीं हुआ, शायद संगीत में बहुत ज़्यादा शास्त्रीयता मुझे रास नहीं आती शायद यही वजह है इन दोनों की आवाज़ के तो सभी कायल है पर इन दोनों की कोई यादगार रचना कोई गिना नहीं पाता..... कोई मुझे बताएगा इन दोनों की कोई बेहतरीन रचना जिसे एक बार सुन लें जिसका सुरूर हमेशा बना रहे... ऐसी कौन सी वजह है कि इनकी रचनाएं बहुत से लोकप्रिय ब्लॉग पर भी भी सुनाई नहीं देती ....... ये तो रही मन की बात। अब जिस रचना को आप सुनने जा रहे हैं इसे मैने बेग़म अख़्तर और कई आवाज़ों में सुना है पर आज आप शुजात साहब की आवाज़ में सुनेंगे तो आनंद आयेगा......आप लीजिये आनन्द.. दुबारा कुछ बेहतर मिला तो जल्दी ही मुलाक़ात होगी।

8 comments:

Arvind Mishra said...

वाह भाई ,शुक्रिया !

एस. बी. सिंह said...

भाई आप की ब्लॉग वाली इस अटरिया पर आ कर मज़ा आ गया।

स्वप्नदर्शी said...

mujhe hemsha Sujaat khan ko sunkar lagtaa hai, ki ek alag tarah kee sanjeedagee inke vyaktitv me hogee, jo unakee aavaaz se jhalaktee hai.

अफ़लातून said...

तबीयत गार्डेन-गार्डेन हुई गई । मेहरबानी ।
बेगम अख़्तर की आवाज में यहाँ सुनें ।

महेन said...

अपने यहाँ भी काफ़ी दिनों से बेगम ही छाई हुई हैं. और तो और पिछले दिनों मैंने उनकी कुछेक पोस्ट भी लगा डाली. ये ठुमरी भी... वल्लाह.

Unknown said...

thanks for posting the same....
which application r u using for typing in Hindi..? i was searching for easy Hindi typing tool and found 'quillpad'. do u use the same...?

Unknown said...

पं जसराज जल्द आप तक पेश किया जाएगा साथी

अजित वडनेरकर said...

शुजात साब का यही यही अंदाज़ हमें भाता है...शुक्रिया शानदार प्रस्तुति

आज की पीढ़ी के अभिनेताओं को हिन्दी बारहखड़ी को समझना और याद रखना बहुत जरुरी है.|

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