Wednesday, April 11, 2007

आत्‍म-परिचय


बचपन की सुहानी यादो की खुमारी अभी भी टूटी नही है..

जवानी की सतरगी छाव आज़मगढ़, इलाहाबाद, और दिल्ली मे..

फिलहाल १२ साल से मुम्बई मे..

चैनल के साथ रोजी-रोटी का नाता..

आज की पीढ़ी के अभिनेताओं को हिन्दी बारहखड़ी को समझना और याद रखना बहुत जरुरी है.|

  पिछले दिनों  नई  उम्र के बच्चों के साथ  Ambrosia theatre group की ऐक्टिंग की पाठशाला में  ये समझ में आया कि आज की पीढ़ी के साथ भाषाई तौर प...