जब से फेसबुक पर लोगों का आना जाना हुआ तब से मैं अपने ब्लॉग ठुमरी को समय ही नहीं दे पा रहा हूं परजबसे राजमोहन जी को सुना है तबसे उनके रचे गीत पर थोड़ी चर्चा करना चाह रहा था पर ये काम भी हो नहीं पा रहा था ,राजमोहन जी गिरमिटिया मजदूरों के परिवार की पांचवीं पीढ़ी से संबंध रखते हैं , हॉलेंड में रहते हैं ,बचपन उनका सुरीनाम में बीता हॉलेंड में रहकर अपने पुर्वजों की धरती हिंदोस्तान से बहुत प्यार है उन्हें । राजमोहन का लिखा एक गीत मुझे पसंद है राजमोहनजी अपनी भाषा भोजपुरी नहीं सुरीनामी भोजपुरी का नाम देते है । आधुनिक समय के गायक हैं पहले उनकी गायी हुई इस रचना को सुनिये बाकी बाते बाद में करतेहैं ।
न शास्त्रीय टप्पा.. न बेमतलब का गोल-गप्पा.. थोड़ी सामाजिक बयार.. थोड़ी संगीत की बहार.. आईये दोस्तो, है रंगमंच तैयार..
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
आज की पीढ़ी के अभिनेताओं को हिन्दी बारहखड़ी को समझना और याद रखना बहुत जरुरी है.|
पिछले दिनों नई उम्र के बच्चों के साथ Ambrosia theatre group की ऐक्टिंग की पाठशाला में ये समझ में आया कि आज की पीढ़ी के साथ भाषाई तौर प...

-
रंगरेज़ .....जी हां ....... अंतोन चेखव की कहानी पर आधारित नाटक है ... आज से तीस साल पहले पटना इप्टा के साथ काम करते हुये चेखव की कहा...
-
पिछले दिनों मै मुक्तिबोध की कविताएं पढ़ रहा था और संयोग देखिये वही कविता कुछ अलग अंदाज़ में कुछ मित्रों ने गाया है और आज मेरे पास मौजूद है,अप...
-
पिछले दिनों नई उम्र के बच्चों के साथ Ambrosia theatre group की ऐक्टिंग की पाठशाला में ये समझ में आया कि आज की पीढ़ी के साथ भाषाई तौर प...
No comments:
Post a Comment