
बचपन की सुहानी यादो की खुमारी अभी भी टूटी नही है..
जवानी की सतरगी छाव आज़मगढ़, इलाहाबाद, और दिल्ली मे..
फिलहाल १२ साल से मुम्बई मे..
चैनल के साथ रोजी-रोटी का नाता..
न शास्त्रीय टप्पा.. न बेमतलब का गोल-गप्पा.. थोड़ी सामाजिक बयार.. थोड़ी संगीत की बहार.. आईये दोस्तो, है रंगमंच तैयार..
पिछले दिनों नई उम्र के बच्चों के साथ Ambrosia theatre group की ऐक्टिंग की पाठशाला में ये समझ में आया कि आज की पीढ़ी के साथ भाषाई तौर प...