बहुत पहले जगजीत सिंह साहब ने अपने पसन्दीदा गज़ल गायकों को चुनकर एक कैसेट रिलीज़ किया था,किस नाम से ये अलबम था मुझे याद नहीं, वो अलबम तो समय के साथ पुराना पड़ गया पर आज लम्बे समय के बाद भी सुमीता चक्रवर्ती की आवाज़ ज़ेहन में अपनी जगह बराबर बनाए हुए है ,सुमिता की गायी ग़ज़ल "फिर दर्द उठा दिल में और आँख भी नम है.".......दर्द भरी मीठी सी आवाज़ में इस ग़ज़ल को सुनना वाकई एक अनुभव है.....इस ग़ज़ल के अलावा मैने सुमीता की आवाज़ में कोई दूसरी रचना कभी सुनी नहीं...अगर आपने सुना हो तो बताएं.....तो पेश है सुमीता की आवाज़ में एक ग़ज़ल, संगीतकार है जगजीत सिंह।
न शास्त्रीय टप्पा.. न बेमतलब का गोल-गप्पा.. थोड़ी सामाजिक बयार.. थोड़ी संगीत की बहार.. आईये दोस्तो, है रंगमंच तैयार..
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9 comments:
फिर दर्द उठा दिल में और आँख भी नम है
यह तेरी इनायत है या दुनिया का कर्म है
बहुत सुंदर .शुक्रिया इसको यहाँ सुनाने का
such hai vimal bhai,sumita ki aawaj phale kabhi nahai suni,"फिर दर्द उठा दिल में और आँख भी नम ...,
bhaut khub,
ummid hai/intzer hai kuch or ise aawaj main...,
sukria dost...
bahut hi mithi awaz hai--sumita shayd bengali geet gati hongi?
pahli baar suni zahan mein baith gayee hai
dhnywaad yah madhur ghazal sunwane ka...
सुमीता ने बहुत ही संजीदगी से उस्ताद जगजीतसिंह के क़लाम को स्वर दिया है.
अनजानी आवाज़ों को सुगम संगीत क्षेत्र में पहचान बनाने के लिये इस तरह के प्रयोग करने ही चाहिये ; इससे श्रोता जल्द ही आपके फ़न से मुत्तासिर हो सकता है.विमल भाई ठुमरी पर ये पेशकर लुभावनी बन पड़ी है.ग़ज़ल गाने के लिये जो तसल्ली चाहिये वह इस आवाज़ में मौजूद है.
वाह! बहुत बढ़िया.
आभार इसको यहाँ सुनाने का.
भईया बोल भी लिख दिया कीजिए .पढ़ कर साथ सुनने का लुत्फ़ और भी बढ़ जाता है..
आप सभी का आभार,मेरी हमेशा कोशिश रहती है कि कुछ नायाब ही चीज़ें आपको सुनाऊँ,आपने सुना सुना और सराहा अच्छा लगा..भईया मनीष जी आपकी बात नोट कर ली गई है,अगली बार से इस ग़लती को सुधारने की कोशिश रहेगी....
मीठी आवाज़, सुन्दर संगीत और उदासी से भरे अलफ़ाज़. और क्या चाहिये.
ठुमरी के मुरीद हम ऐसे ही थोड़े ही हैं विमल भाई. सलाम क़बूलें.
Vakai nayab cheez sunvai hai aapne Vimal bhai. abhi baarish nahi ho rahi Ghaziabad mein. Azab si umas hai lekin Sunita ji ne andar tak TAR kar diya.
SHUKRIYA
sanjay joshi
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