Thursday, March 27, 2008

धीरे धीरे मचल ऐ दिले बेक़रार.....ब्रायन सेलेस

हने को तो बहुत सी बाते हैं कहने को,पर आज कुछ भी करने का मन नहीं है, जब कुछ भी करने का मन ना करे तो, संगीत आपको अंदर तक तर करने की कूवत तो रखती ही है,आज एक गीत सुनाने का मन कर रहा है जिसे लता जी ने अनुपमा फ़िल्म के लिये गाया था, मेरे बेहद पसंदीदा गीतों में भी ये गीत शामिल है...धीरे धीरे मचल ए दिले बेकरार कोई आता है......आज इसी गीत को ब्रायन सेलेस से सुनते हैं प्यानों पर...वाद्य यंत्रों में खास कर प्यानों पर इस गीत को सुनने का एक अलग ही मज़ा है....तो सुने और आनंद लें....

9 comments:

अफ़लातून said...

धुन सुन के मनवा मगन हुआ जी ।

पारुल "पुखराज" said...

madhur...madhur

Ghost Buster said...

Brian Salas is a brilliant performer. Thanks for this. This is so beautiful.

Udan Tashtari said...

आनन्द आ गया सर जी!!

Yunus Khan said...

जे अच्‍छी रही विमल भाई । हम भी कुछ फिल्‍मी धुनें छेड़ रहे हैं आजकल । ब्रायन सेलेस हमें बहुत पसंद हैं ।

Manish Kumar said...

इसकी कैसेट है और मजा आता है उसे सुनकर वैसे भी अभी लॉइफलॉगर का सर्वर डाउन है

मीनाक्षी said...

कर्णप्रिय...बार बार सुनने पर भी जी न भरे.

रवीन्द्र प्रभात said...

बहुत बढिया, आनंद आ गया !

Ashok Pande said...

बहुत दिनों बाद ब्रायन सेलेस को सुनना बहुत ख़ुश कर गया, विमल भाई! धन्यवाद!!

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