Saturday, November 26, 2011

त्रिनिडाड का चटनी संगीत मस्त मस्त है

लम्बे समय के विराम के बाद ठुमरी पर कुछ सुनाने का मन है । दरअसल बहुत कुछ तो नहीं है मेरे पास सुनाने के लिये... पर अभी थोड़ी चटनी हो जाय ... पहले भी मैने कैरेबियन चटनी कुछ पोस्ट चढ़ाई थी और आज भी धमकता, अनोखा संगीत एक दम से मन पर छा सा जाता है ....बस यही सोचता हूं कि ढाई तीन सौ सालों पहले हमारे देश के कुछ हिस्सों से उठा कर ले जाय गये गुलाम मज़दूर अपने साथ लोक संगीत की विरासत अपने साथ ले गये थे, समय के साथ आज उसमें भी बहुत परिवर्तन हो चुकने के बावजूद आज भी उसे ज़िन्दा रखने की कोशिश हो रही है... कुछ तेज़ संगीत में त्रिनिडाड या कैरेबियन देशों में जा बसे भारतीयों ने अभी भी अपना अतीत अपने पास बचा रखा है.....जिसे यहां आज मैं आपको सुनाना चाहता हूं । राकेश यनकरण की आवाज़ में एक विवाह गीत का आनन्द लेते है।

त्रिनिडाड के चटनी किंग सैम बूडराम की इस आवाज़ का तो मैं कायल हूं ।


अभी बस इतना ही, अगली पोस्ट का करें इंतज़ार।

4 comments:

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

चटनी संगीत के लिए धन्यवाद. कई साल पहले चैट में एक महिला यह संगीत सुनाया करती थी. तभी पहली बार मैंने यह सुना था और कुछ कुछ डाउनलोड किय था. इस संगीत की बात ही कुछ और है. 'वाई दिस कोऴावरी कोऴावरी डी' की तरह ही इन्फ़ेक्शियस है चटनी संगीत. सुनाने के लिए धन्यवाद.

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

वाई दिस कोऴावरी कोऴावरी डी

Smart Indian said...

बहुत स्वादिष्ट है चटनी। धन्यवाद!

चन्द्र प्रकाश दुबे said...

अद्भुत , अविश्वसनीय, दिल से निकली हुई आवाज, उपलब्ध कराने हेतु साधुवाद

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