Sunday, December 21, 2008

अपने प्रियतम शहर इलाहाबाद की एक खूबसूरत सुबह......

अब साल २००८ अलविदा कहने को है....नये साल का आगमन होने को है...२००९ सबके लिये खुशियाँ लेकर आये अपनी तो यही चाहत है......अभी कुछ तस्वीरें इलाहाबाद की देखकर मन फ़्लैशबैक में डूब गया...इलाहाबाद से दूर रहकर इन तस्वीरों को देखना मेरे लिये एक सुखद एहसास है...कुछ गीत संगीत सुनवाना चाहता था पर आज इन तस्वीरों से काम चलाना होगा मेरा प्रियतम शहर इलाहाबाद आज मुझे बहुत याद आ रहा है.....बहुत कुछ दिया है इस शहर ने ऐसे भी मैं इसे याद करना चाहता हूँ.......इन तस्वीरों को मेरी भांजी मिंकी ने अपने कैमरे में कैद किया । तस्वीरें इलाहाबाद संगम की हैं....





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12 comments:

Neeraj Rohilla said...

अरे वाह,
क्या तस्वीरें हैं । हमें वो दिन याद आ गया जब हम पिछले वर्ष भारत आये थे और हमारे मित्र के पिताजी ने हमें प्रयाग दर्शन कराये थे ।

ये पक्षियों वाली फ़ोटो ने तो मन हर लिया है ।

Yunus Khan said...

आह । कुछ ऐसी ही तस्‍वीरें हमने भी ली थीं इलाहाबाद की एक सर्दीली सुबह में ।
ससुराल का शहर याद करवाके आपने ठीक नहीं किया विमल जी ।
अब हमें चाहिए निराला की चाट ।
लोकनाथ की लस्‍सी ।
दही जलेबी । समोसे । हमारी ससुराल की घुघुरी ।
हम ये चले इलाहाबाद ।।

Varun Kumar Jaiswal said...

इलाहाबाद की वो छवियाँ कभी ना भूली जा सकेंगी |
शानदार प्रस्तुति |

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

Vimal Verma ji,
Kisi blog par apka jikra dekha to pakad liya.Pichchale ek maheene se Allahabad(apne ghar)jane ka programme ban ban kar kansil ho ja raha hai.
Par apke blog par aj alld kee tasveeren dekh kar laga Alld pahunch gaya.
Mere ghar vale kahte hain ki Alld ke logon ko dekh meree tabiyat theek ho jatee hai.
Kabhee mauka lage to mere blog par aiye.Shubhkamnaon ke sath.
Hemant Kumar

VIMAL VERMA said...

अरे एक बात तो बताना भूल ही गया... ये चिड़ियाँ दिख रही है..जब हम थे तब संगम पर कौवे ज़्यादा थे...पर लगता है इन विलायती चिड़ियों ने कौवों को हकाल दिया है....और नाव भी तब इतनी रंगीन नहीं हुआ करतीं थी....अभी इतना ज़रूर है....लोग कहते है संगम पर गंदगी नहीं है सुनकर अच्छा लगता है..नीरज भाई यूनुसजी,वरुणजी, हेमन्तजी आपका बहुत बहुत शुक्रिया....

नितिन | Nitin Vyas said...

सुन्दर तस्वीरें!!

Pratyaksha said...

चिड़िया पानी आसमान .. सुंदर !

अनूप शुक्ल said...

सुन्दर। अति सुन्दर!

एस. बी. सिंह said...

आह! मन है जात अजौ वहाँ वा जमुना के तीर....

अफ़लातून said...

विमल भाई,
मिंकी को सुन्दर फोटोग्राफ्स के लिए बधायी दें.

jyotin kumar said...

Lagta hai U.P. tourism deptt ne kamar kas li hai. aur is baat ka notice videshiyon se pehle videshi pakshiyon ne liya hai. achche photographs hain. is samay allahabad amroodon se pata pada hoga. minki ko khushrubagh ke seb jaise lal amroodon se bhare tokeron ki bhi foto leni chahiye thi. aur maza aa jata.

बोधिसत्व said...

अरे इलाहाबाद......

आज की पीढ़ी के अभिनेताओं को हिन्दी बारहखड़ी को समझना और याद रखना बहुत जरुरी है.|

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