न शास्त्रीय टप्पा.. न बेमतलब का गोल-गप्पा.. थोड़ी सामाजिक बयार.. थोड़ी संगीत की बहार.. आईये दोस्तो, है रंगमंच तैयार..
Saturday, May 9, 2009
नये ब्लॉगिये का स्वागत करें......
भाई, मेरे मित्र अखिलेश धर हैं, बहुत दिनों से सोचते सोचते आखिरकार उन्होंने अपना ब्लॉग BADFAITH के नाम से शुरु किया है,अभी उन्होंने अपनी लिखी एक कविता पोस्ट की है। उम्मीद है कि अपने ब्लॉग के माध्यम से वो ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक अपने दार्शनिक विचार ले जा पायेंगे,भाई हम तो स्वागत करे ही रहे हैं आप भी उनका उत्साह ज़रूर बढ़ाएं।
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आज की पीढ़ी के अभिनेताओं को हिन्दी बारहखड़ी को समझना और याद रखना बहुत जरुरी है.|
पिछले दिनों नई उम्र के बच्चों के साथ Ambrosia theatre group की ऐक्टिंग की पाठशाला में ये समझ में आया कि आज की पीढ़ी के साथ भाषाई तौर प...
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पिछले दिनों मै मुक्तिबोध की कविताएं पढ़ रहा था और संयोग देखिये वही कविता कुछ अलग अंदाज़ में कुछ मित्रों ने गाया है और आज मेरे पास मौजूद है,अप...
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रंगरेज़ .....जी हां ....... अंतोन चेखव की कहानी पर आधारित नाटक है ... आज से तीस साल पहले पटना इप्टा के साथ काम करते हुये चेखव की कहा...
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8 comments:
लिंक देने के लिए धन्यवाद .. उनके ब्लाग पर जा रही हूं।
बहुत बहुत स्वागत है....भाई के धाम पर भी आवा जाही रहेगी। हमसफर जो ठहरे आप हमारे। आपके संगी के संग हम भी।
स्वागत है अखिलेश जी का । लिंक के लिये धन्यवाद ।
स्वागत! साथी अखिलेश का।
अखिलेश से तार्रुफ़ कराया - मेहरबानी ।
सीधे वहीं जाते हैं जी...!
बहुत बहुत स्वागत है...
Akhilesh ji kaa blog ki duniya me bahaut bahaut swagat hai.vimal ji ye aap ki uplabdhi hai.
Aap ko sadhuwaad!
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