न शास्त्रीय टप्पा.. न बेमतलब का गोल-गप्पा.. थोड़ी सामाजिक बयार.. थोड़ी संगीत की बहार.. आईये दोस्तो, है रंगमंच तैयार..
Wednesday, July 29, 2009
सच का सामना करने से क्या लोग डरने लगे हैं.....
पिछले दिनों "सच का सामना" को लेकर बहुत माहौल गरम है और गरम इस कदर है कि संसद को भी इसपर ध्यान देना पड़ा, अभी तक जितना मैने इस बारे में पढ़ा है सबने एकांगी पहलू पर ही ज़्यादा बात की गई है पर बैड्फ़ेथ पर जो विचार मैने पढ़े मुझे ऐसा लगता है कि इस लेख को पढ़ना ज़रूरी है और इसलिये भी पढ़ना ज़रूरी है कि ये व्यक्तिगत ही नहीं बल्कि समग्रता में सामाजिक सच्चाई का भी सामना कराता है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
आज की पीढ़ी के अभिनेताओं को हिन्दी बारहखड़ी को समझना और याद रखना बहुत जरुरी है.|
पिछले दिनों नई उम्र के बच्चों के साथ Ambrosia theatre group की ऐक्टिंग की पाठशाला में ये समझ में आया कि आज की पीढ़ी के साथ भाषाई तौर प...
-
आज मैं अपने मित्र अजय कुमार की एक रचना प्रस्तुत कर रहा हूँ,और इस रचना को लिखते हुए अजय कहते है" विगत दिनों के आतंकी हमलों ने ऐसा कहने प...
-
पिछले दिनों मै मुक्तिबोध की कविताएं पढ़ रहा था और संयोग देखिये वही कविता कुछ अलग अंदाज़ में कुछ मित्रों ने गाया है और आज मेरे पास मौजूद है,अप...
-
पिछले दिनों नई उम्र के बच्चों के साथ Ambrosia theatre group की ऐक्टिंग की पाठशाला में ये समझ में आया कि आज की पीढ़ी के साथ भाषाई तौर प...
3 comments:
किसी के इस सच का सामना करने से मेरा और आप क्या भला होगा की "वो अपनी पत्नी के साथ जब बाजार जाता है तो एनी महिला के बारे में सोचता है या नहीं?"
अजी राजनेताओ को बुला कर टेस्ट किया जाये और सच का सामना करवाया जाये तो कुछ बात बने
वीनस केसरी
गुरू आपने ब्लागिंग का गुर पकड़ लिया है. बहुत दिनों बाद यहाँ आया और लगा कि गुमटी जम गई है आपकी. संगीत तो आपने अदभुत लगाया है. साधुवाद.
Thanks for sharing this post very helpful article thanks
dry fruits biscuits recipe
Post a Comment