Wednesday, July 29, 2009

सच का सामना करने से क्या लोग डरने लगे हैं.....

पिछले दिनों "सच का सामना" को लेकर बहुत माहौल गरम है और गरम इस कदर है कि संसद को भी इसपर ध्यान देना पड़ा, अभी तक जितना मैने इस बारे में पढ़ा है सबने एकांगी पहलू पर ही ज़्यादा बात की गई है पर बैड्फ़ेथ पर जो विचार मैने पढ़े मुझे ऐसा लगता है कि इस लेख को पढ़ना ज़रूरी है और इसलिये भी पढ़ना ज़रूरी है कि ये व्यक्तिगत ही नहीं बल्कि समग्रता में सामाजिक सच्चाई का भी सामना कराता है।

3 comments:

वीनस केसरी said...

किसी के इस सच का सामना करने से मेरा और आप क्या भला होगा की "वो अपनी पत्नी के साथ जब बाजार जाता है तो एनी महिला के बारे में सोचता है या नहीं?"

अजी राजनेताओ को बुला कर टेस्ट किया जाये और सच का सामना करवाया जाये तो कुछ बात बने
वीनस केसरी

Rajesh Joshi said...

गुरू आपने ब्लागिंग का गुर पकड़ लिया है. बहुत दिनों बाद यहाँ आया और लगा कि गुमटी जम गई है आपकी. संगीत तो आपने अदभुत लगाया है. साधुवाद.

Dry fruits biscuits said...

Thanks for sharing this post very helpful article thanks
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