Tuesday, November 6, 2007

ये टेस्ट पोस्ट है...

सुनें हम देखेंगे इकबाल बानों को, एक चटनी और पता नहीं क्या है मै सिर्फ़ प्लेयर चेक कर रहा हूं ॥॥।।


पहले सुनिये इकबाल बानो को जिनकी आवाज़ का जादू तो देखिये लोग इनक्लाब ज़िन्दाबाद के नारे लगा रहे है मशहूर गज़ल हम देखेंगे लाज़िम है कि हम भी देखेंगे.. (फ़ैज़ अहमद फ़ैज़)

01 Hum Dekhege.wma


अभी सुनते हैं चटनी मुरलिया मुरलिया ( सैम बुधराम)



ये आवाज़ है नैय्यरा नूर की ऐ इश्क हमें बरबाद ना कर



ये भी सुने आनन्द तो आयेगा... कुमार गंधर्व॥॥


एक विडियो....


हिन्दी चटनी

7 comments:

नितिन | Nitin Vyas said...

मजा आ गया।

Udan Tashtari said...

हैट्रिक...बेहतरीन लूट लेने वाली प्रस्तुतियों की.

sanjay patel said...

विमल भाई....
धन तेरस पर यह आत्मिक उपहार ....
मज़ा आ गया
आत्मा का ताप घट गया
मन शीतल हो गया.

रवीन्द्र प्रभात said...

बहुत सुंदर, मजा आ गया!

रवीन्द्र प्रभात said...

तम से मुक्ति का पर्व दीपावली आपके पारिवारिक जीवन में शांति , सुख , समृद्धि का सृजन करे ,दीपावली की ढेर सारी बधाईयाँ !

इरफ़ान said...

mitra chup kyon?

इरफ़ान said...

naee chatanee bhejein.

आज की पीढ़ी के अभिनेताओं को हिन्दी बारहखड़ी को समझना और याद रखना बहुत जरुरी है.|

  पिछले दिनों  नई  उम्र के बच्चों के साथ  Ambrosia theatre group की ऐक्टिंग की पाठशाला में  ये समझ में आया कि आज की पीढ़ी के साथ भाषाई तौर प...