Friday, April 4, 2008

कहीं जनाब को मेरा तो इंतज़ार नहीं?


12 comments:

Ashish Maharishi said...

बहुत खूब

Pratyaksha said...

इसकी शक्ल किसी से मिलती है ..

Arun Arora said...

aap to aise naa the..:)

उम्दा सोच said...

विमल भाई कौन है ये,किसकी तस्वीर लगा दी? कमिश्नर साहब या उनका कुत्ता ? अरे!... ये कहीं अमुक खबरी की तस्वीर तो नही?

Yunus Khan said...

अरे अरे विमल भाई इसे तो हमने कल परसों मुंबई की सड़कों पर भटकते देखा था ।

ajai said...

बैठा हुवा है तनहा
आरजू-ऐ-दिल सजाकर!
मुमकिन है इसी रस्ते
कोई चैनल वाला गुजरे

अमिताभ मीत said...

छा गए सर.

पारुल "पुखराज" said...

ye aankhey ..kaisii sii to hain...

अनूप शुक्ल said...

शानदार!

सुजाता said...

उफ ! मैं तो डर गयी थी जी !ऐसी शक्लें कभी कभी दिख नहीं जातीं आस पास ? क्या कल्पना है............

सागर नाहर said...

कुत्ते का इतना घोर अपमान!!!

Udan Tashtari said...

इस बंदे से कहीं न कहीं जरुर मिला हूँ..क्या पता कहाँ..किसी मीट शीट में तो नहीं?? :)

आज की पीढ़ी के अभिनेताओं को हिन्दी बारहखड़ी को समझना और याद रखना बहुत जरुरी है.|

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