न शास्त्रीय टप्पा.. न बेमतलब का गोल-गप्पा.. थोड़ी सामाजिक बयार.. थोड़ी संगीत की बहार.. आईये दोस्तो, है रंगमंच तैयार..
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
आज की पीढ़ी के अभिनेताओं को हिन्दी बारहखड़ी को समझना और याद रखना बहुत जरुरी है.|
पिछले दिनों नई उम्र के बच्चों के साथ Ambrosia theatre group की ऐक्टिंग की पाठशाला में ये समझ में आया कि आज की पीढ़ी के साथ भाषाई तौर प...
-
पिछले दिनों मै मुक्तिबोध की कविताएं पढ़ रहा था और संयोग देखिये वही कविता कुछ अलग अंदाज़ में कुछ मित्रों ने गाया है और आज मेरे पास मौजूद है,अप...
-
रंगरेज़ .....जी हां ....... अंतोन चेखव की कहानी पर आधारित नाटक है ... आज से तीस साल पहले पटना इप्टा के साथ काम करते हुये चेखव की कहा...
-
पिछले दिनों नई उम्र के बच्चों के साथ Ambrosia theatre group की ऐक्टिंग की पाठशाला में ये समझ में आया कि आज की पीढ़ी के साथ भाषाई तौर प...
12 comments:
बहुत खूब
इसकी शक्ल किसी से मिलती है ..
aap to aise naa the..:)
विमल भाई कौन है ये,किसकी तस्वीर लगा दी? कमिश्नर साहब या उनका कुत्ता ? अरे!... ये कहीं अमुक खबरी की तस्वीर तो नही?
अरे अरे विमल भाई इसे तो हमने कल परसों मुंबई की सड़कों पर भटकते देखा था ।
बैठा हुवा है तनहा
आरजू-ऐ-दिल सजाकर!
मुमकिन है इसी रस्ते
कोई चैनल वाला गुजरे
छा गए सर.
ye aankhey ..kaisii sii to hain...
शानदार!
उफ ! मैं तो डर गयी थी जी !ऐसी शक्लें कभी कभी दिख नहीं जातीं आस पास ? क्या कल्पना है............
कुत्ते का इतना घोर अपमान!!!
इस बंदे से कहीं न कहीं जरुर मिला हूँ..क्या पता कहाँ..किसी मीट शीट में तो नहीं?? :)
Post a Comment